बंगाल के राज्यपाल ने हाल ही में कोलकाता में हुए रेप और मर्डर केस पर चिंता जताई और राज्य की पुलिस व्यवस्था की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस विफल रही है, बल्कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें कानून व्यवस्था में कमी साफ दिखाई देती है। राज्यपाल ने इस घटना को लेकर राज्य की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कोलकाता, जो एक समय भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जानी जाती थी, आज अपराध और हिंसा का अड्डा बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक isolated incident नहीं है, बल्कि यह उस गहरी समस्या का हिस्सा है जो पूरे राज्य में फैल चुकी है। राज्यपाल ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पुलिस को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास नहीं होता, तो अपराधियों के हौसले बढ़ जाते हैं।
राज्यपाल ने कोलकाता रेप और मर्डर केस को ‘बहुत ही दुखद और शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में भय और अविश्वास का माहौल बनता है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का काम केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना और जनता में सुरक्षा का भाव पैदा करना भी है। उन्होंने कहा कि पुलिस की विफलता से न केवल पीड़िता को न्याय मिलने में देरी होती है, बल्कि समाज के अन्य कमजोर वर्गों को भी असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर जनता का विश्वास डगमगा गया है। राज्यपाल ने कहा कि यह केवल पुलिस की विफलता नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासन की नाकामी है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जब तक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता।
राज्यपाल ने इस घटना पर राज्य सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करे। राज्यपाल ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेता? उन्होंने कहा कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करती, तो शायद इस तरह की दुखद घटनाएं न घटतीं।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस प्रशासन को सुधारने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रोफेशनलिज्म को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुलिस को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनाना चाहिए ताकि वह आधुनिक चुनौतियों का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि पुलिस को यह समझना होगा कि उनकी भूमिका केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखने की नहीं है, बल्कि जनता के प्रति जिम्मेदारी का भी निर्वहन करना है।
राज्यपाल ने इस घटना के बाद जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समय भावनाओं में बहने का नहीं है, बल्कि मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने का है। राज्यपाल ने कहा कि न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिले और पीड़ितों को न्याय मिल सके।
राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में नैतिकता और अनुशासन की भावना को मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस तरह की घटनाओं का विरोध करना चाहिए और इसे रोकने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम सब मिलकर इस दिशा में काम करें, तो हम एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।
राज्यपाल ने अंत में कहा कि यह समय आत्मचिंतन का है। हमें यह सोचना होगा कि हम कहां गलत हो रहे हैं और इसे सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। राज्यपाल ने कहा कि यह केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह हमारी व्यवस्था की कमजोरी का प्रतीक है और इसे सुधारने के लिए हमें संगठित प्रयास करने होंगे।